चलना चाहते हो
मेरे संग तो
बन आकाश चलो
मैं धरती बन कर
कहीं तो तुम्हे छू ही लूंगी
दूर रह कर भी दिलो में हो
प्यार सा सहारा
लौटना चाहूँ भी
तो भी लौट न सकूंगी
थाम कर हाथ
चलो संग मेरे वहां जहाँ
कहीं दूर मिला करते हैं
धरती गगन विश्वास के साए में
नया जहान ढूंढ ही लूंगी !!