तुमसे कह दिया किसने,
के तुम बिन रह नहीं सकते...
ये दुःख हम सह नहीं सकते...
चलो हम मान लेते हैं
के तुम बिन हम बहुत रोये...
के रातों को न हम सोये...
मगर अफ़सोस है जाना!!!
के अबके तुम जो लौटोगे...
हमें बदला सा पाओगे...
बहुत मायूस होगे तुम
अगर तुम पूछना चाहो...
के ऐसा क्यूँ किया हमने???
तो सुन लो गौर से जाना...
पुरानी एक रिवायत,
तंग आकर तोड़ दी हमने ...
मोहब्बत करनी छोड़ दी हमने!!!
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2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
बेहद ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...शब्दों और भावों का अत्यंत ही सुन्दर संयोजन ....शुभकामनाएं !!!
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