एक एहसास, एक जज़्बात, मेरी आस,
और बस तुम...
एक सवाल, एक जवाब,तुम्हारा ख्याल,
और बस तुम...
एक बात, एक रात, तुम्हारा साथ,
और बस तुम...
एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद,
और बस तुम...
मेरा वजूद, मेरा जूनून, मेरा सुकून,
बस तुम! और बस तुम !!!
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2 टिप्पणियां:
तुम ही तुम ... अच्छी प्रस्तुति
बहुत ही सुंदर रचना . दिल को छूती हुई
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