मिले जब
अपनों का साथ,
मन ही मन हो
अपनों से अपनी बात.
मेरी भावनाएं हों
या एहसास
अंतर्मन के
बाँटें मन: क्या सच में?
कुछ स्वप्न मेरे
कुछ कही-कुछ अनकही,
कुछ कोने रुबाई के
मुझे आवाज़ दें,
कुछ मेरी कलम से,
मेरा समस्त,शब्द गुंजन..
जो कहे..हमें आवाज़ दे,
और कुछ पन्ने मेरी दराज़ से,
जज़्बात शेष फिर
काव्य मञ्जूषा के
लेखनी का मन
पाखी बन उड़े,
कहानियां कहे,
रचनायें रचे,
ज्यू निर्झर नीर
अबाध बहे,
गौर-तलब
जिंदगी की कतरनें,
शब्द और अर्थ
मेरी भावनाएं
एक बावरा मन,
मनन का स्पंदन,
चलते चलते
दूर से सदा आई...
गीत थे उम्मीद
और वेदना के,
बयाँ जिसने किये
जख्म
जो दिए फूलों ने...
एक प्रयास,
न दैन्यं न पलायनम!!!
स्वागतम
आपका हमारे ब्लॉग पर स्वागत,
आपके सुझाव और सानिध्य की प्रतीक्षा मे
लिखिए अपनी भाषा में
गुरुवार, 28 जुलाई 2011
शुक्रवार, 22 जुलाई 2011
भावनाएं बांटे मन क्या सच में?
मिले जब
अपनों का साथ,
मन ही
मन हो
अपनों से
अपनी बात
मेरी भावनाएं हों,
या एहसास;अंतर्मन के
बांटे मन
क्या सच में?
अपनों का साथ,
मन ही
मन हो
अपनों से
अपनी बात
मेरी भावनाएं हों,
या एहसास;अंतर्मन के
बांटे मन
क्या सच में?
बुधवार, 20 जुलाई 2011
यथार्थ!
जानता है दिल
इस सच्चाई को
फिर
मान क्यों नहीं लेता,
जबकि
परिणति होगी व्यर्थ;
यही है यथार्थ!
भागता है क्यों
पीछे उसके
जो उसका न होने का
यकीं दिला चुका है,
अपने रंगीन सपनो को
सजाने में
रंगीनियों में
धुला-धुला है,
जानती हूँ जबकि
वह मंजिल थी मेरी
पर
अब किसी और का
ठहराव है
क्यों खिचती हूँ
फिर उस ओर
बार-बार;
अंतहीन दिशा तक!
जवाब नही है मेरे पास
पर
चाहती हूँ जवाब
स्वं से,
पहुँच पाने
इक छोर पर,
खिचती चली जाती हूँ,
अनजाने खिचाव से;
इक अनचाहा आकर्षण
नहीं विमुख होने देता उससे!!
क्या होगी परिणति?
क्या होगा : यथार्थ का धरातल?
क्या पहुंचूंगी कभी
अपने परिणति पर?
शायद इन सबसे उपर
परिणति से भी उपर,
धरातल से उपर;
प्रश्नों से आगे,
खड़ी हूँ निरुत्तर
स्वं के ही प्रश्नों से,
पूछती हूँ
कौन है जिम्मेदार
मेरी इन
परिस्थितियों का???
इस सच्चाई को
फिर
मान क्यों नहीं लेता,
जबकि
परिणति होगी व्यर्थ;
यही है यथार्थ!
भागता है क्यों
पीछे उसके
जो उसका न होने का
यकीं दिला चुका है,
अपने रंगीन सपनो को
सजाने में
रंगीनियों में
धुला-धुला है,
जानती हूँ जबकि
वह मंजिल थी मेरी
पर
अब किसी और का
ठहराव है
क्यों खिचती हूँ
फिर उस ओर
बार-बार;
अंतहीन दिशा तक!
जवाब नही है मेरे पास
पर
चाहती हूँ जवाब
स्वं से,
पहुँच पाने
इक छोर पर,
खिचती चली जाती हूँ,
अनजाने खिचाव से;
इक अनचाहा आकर्षण
नहीं विमुख होने देता उससे!!
क्या होगी परिणति?
क्या होगा : यथार्थ का धरातल?
क्या पहुंचूंगी कभी
अपने परिणति पर?
शायद इन सबसे उपर
परिणति से भी उपर,
धरातल से उपर;
प्रश्नों से आगे,
खड़ी हूँ निरुत्तर
स्वं के ही प्रश्नों से,
पूछती हूँ
कौन है जिम्मेदार
मेरी इन
परिस्थितियों का???
रविवार, 17 जुलाई 2011
दिल के फैसले अक्सर हमें कम रास आए हैं..!!
बड़े अनजान मौसम में,
बहुत बेरंग लम्हों में.
बिना आहट
बिना दस्तक
बहुत मासूम सा सपना
उतर आया है
आँखों में,
बिना सोचे
बिना समझे.
कहा है दिल ने
चुपके से,
हाँ...इस नन्हे से
सपने को.
आँखों में
जगह दे दो!
बिना रोके
बिना टोके
सांसों में
महकने दो
हमेशा की तरह अब भी...
बिना उलझे
बिना बोले
झुका डाला है
सर हम ने!
मगर ताबीर
क्या होगी ???
ये हम जानें
न दिल जाने...
फकत मालूम है इतना
के दिल के फैसले अक्सर
हमें कम रास आए हैं..!!
बहुत बेरंग लम्हों में.
बिना आहट
बिना दस्तक
बहुत मासूम सा सपना
उतर आया है
आँखों में,
बिना सोचे
बिना समझे.
कहा है दिल ने
चुपके से,
हाँ...इस नन्हे से
सपने को.
आँखों में
जगह दे दो!
बिना रोके
बिना टोके
सांसों में
महकने दो
हमेशा की तरह अब भी...
बिना उलझे
बिना बोले
झुका डाला है
सर हम ने!
मगर ताबीर
क्या होगी ???
ये हम जानें
न दिल जाने...
फकत मालूम है इतना
के दिल के फैसले अक्सर
हमें कम रास आए हैं..!!
गुरुवार, 14 जुलाई 2011
कुछ लम्हे जुलाई के
कुछ लम्हे जुलाई के
हम ने यूँ गुज़ारे हैं,
मौसम तेरी यादों के,
तस्वीर में उतारे हैं ...
कपकपाते होंटों से,
डगमगाती धरकन से,
हम ने अपने मालिक से,
बस दुआ ये मांगी है,
अब के बार सावन में,
जब भी बादल उतरें तो,
बस येही तमन्ना है,
नफरतों की बारिश में,
दुश्मनों की साजिश में,
बस इसी गुज़ारिश में,
ज़िन्दगी को जीने का,
इख़्तियार मिल जाये,
ऐ मेरे खुदा ! सब को,
अपना प्यार मिल जाये....!!
हम ने यूँ गुज़ारे हैं,
मौसम तेरी यादों के,
तस्वीर में उतारे हैं ...
कपकपाते होंटों से,
डगमगाती धरकन से,
हम ने अपने मालिक से,
बस दुआ ये मांगी है,
अब के बार सावन में,
जब भी बादल उतरें तो,
बस येही तमन्ना है,
नफरतों की बारिश में,
दुश्मनों की साजिश में,
बस इसी गुज़ारिश में,
ज़िन्दगी को जीने का,
इख़्तियार मिल जाये,
ऐ मेरे खुदा ! सब को,
अपना प्यार मिल जाये....!!
सदस्यता लें
संदेश (Atom)