याद नहीं पर आपसे बांटनी थी तो डायरी के पन्नो से निकाल कर सौप दी आपके सामने ये नज़्म...
वो लोग
जो जिन्दा हैं
वो मर जायेंगे
एक दिन,
एक रात के
रही हैं,
गुजर जायेंगे
एक दिन,
यूं है के
मोहब्बत से
टकरा जायेंगे
एक दिन,
दिल आज भी
जलता है
उसी तेज़
हवा में,
ये तेज़ हवा
देख बिखर जायेंगे
एक दिन,
यूं होगा कि
इन आँखों से
आंसू बहेंगे,
ये चाँद सितारे
भी ठहर जायेंगे
एक दिन,
अब घर भी नहीं
घर कि तमन्ना
भी नहीं,
बहुत दिन पहले
सोचा था
घर जायेंगे
एक दिन!!!